Mahakaleshwar Temple (Ujjain) उज्जैन का प्रसिद्ध महाकालेश्वर History, Timings, Arti इन हिंदी - Ak tourist place

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Saturday, June 5, 2021

Mahakaleshwar Temple (Ujjain) उज्जैन का प्रसिद्ध महाकालेश्वर History, Timings, Arti इन हिंदी

                हेलो फ्रेंड्स एकबार फिर मेरे blog पर आपका स्वागत हे. आज हम बात करेंगे उज्जैन मे स्थित महाकालेश्वर मंदिर के बारेमे. दुनिया भर मे (12) बारह प्रमुख ज्योतिर्लिंग है. महाकालेश्वर भी उन ज्योतिर्लिंगोमेसे एक है.



          ज्योतिर्लिंगो  के बारे मे यह कहा जाता है की जब समुद्र मंथन किया गया तब अमृत से भरा धड़ा मिला ओर इसी वज़ह से  देवता ओर दानवो के बिच घमासान युद्ध हुआ था. दानवोंसे  बचाकर जब अमृत धड़ा लेकरजा रहे थे तब कुछ अमृत की बूँद धरती पर जहाँ-जहाँ भी गिरी थी, वो स्थान पवित्र तीर्थ बन गए। उन्हीं स्थानों में से एक उज्जैन है.
            महाकालेश्वर मंदिर तक आप हवाई, रेलवे, या फीर सडक मार्ग से  जा सकते है. मंदिर परिसर में एक प्राचीन कुंड है. वर्तमान में जो महाकालेश्वर ज्योतिर्लिंग है वह तीन खंडों में विभाजित है. निचले खंड में महाकालेश्वर, मध्य के खंड में ओंकारेश्वर तथा ऊपरी खंड में श्री नागचंद्रेश्वर मंदिर स्थित है. गर्भगृह में विराजित भगवान महाकालेश्वर का विशाल दक्षिणमुखी शिवलिंग है, ज्योतिष में जिसका विशेष महत्व है.
              इसी के साथ ही गर्भगृह में माता पार्वती, भगवान गणेश व कार्तिकेय की मोहक प्रतिमाएँ हैं. गर्भगृह में नंदी दीप स्थापित है, जो सदैव प्रज्ज्वलित होता रहता है. गर्भगृह के सामने विशाल कक्ष में नंदी की प्रतिमा विराजित है. इस कक्ष में बैठकर हजारों श्रद्धालु शिव आराधना का पुण्य लाभ लेते हैं.
              महाकालेश्वर के मंदिर मे भस्म आरती की बहोत ही बड़ी महिमा है. कहा जाता है की अगर अपने इस आरती का दर्शन ना किये तो महाकालेश्वर के दर्शन अधूरे गने जाते है.

=> भस्म आरती  की विधि

ऐसी मान्यता है कि भस्म आरती भगवान शिव  को जगाने के लिए की जाती है. इसी वजह से भस्म आरती महाकालेश्र्वर में प्रातः काल चार बजे शुरू हो जाती है. बता दें, भस्म को पूरी  विधि विधान के साथ बनाया जाता है. सबसे पहले कपिला गाय के कंडे, पीपल, पलाश, शमी और बेर के लकड़ियों को साथ में जलाया जाता है. इनको जलाते समय वहां के पुजारी मंत्रोच्चार भी करते हैं. फिर उस भस्म को कपड़े के माध्यम से छान लिया जाता है और उसे महादेव पर अर्पित किया जाता है. महाकालेश्र्वर में शमशान में जलाई पहली चिता की राख से भी भगवान भोले का श्रृंगार किया जाता है. हिंदू धर्म के अनुसार अगर व्यक्ति की चिता से महादेव का श्रृंगार किया जाए, तो उस व्यक्ति को मोक्ष की प्राप्ति होती है.


=> एंट्री टिकट,  धर्मशाला

महाकालेश्वर का दर्शन आप बिना मूल्य चुकाए कर सकते है. लेकिन आप बड़ी लम्बी लाइन से बचाना चाहते है तो, आपको vip टिकट बुकिंग करवानी पड़ेंगी जिसके लिए आपको करीब 250 ₹रूपये देने पड़ेगे. रहने के लिए आपको यहां पर धर्मशाला भी मिल जाती है. धर्मशाला मे आपको अपनी सुविधाके अनुसार  200 से 1500 तक के कमरे उपलब्ध है.

=> उज्जैन.ऑफिस : 0734-2550563
=> श्री महाकालेश्वर मंदिरई - मेल: office@mahakaleshwar.nic.in
=>  दूरभाष: 0734-2550563
=> धर्मशाला: 0734-2551714, 0734-2585873, 0734-2551295

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